Sandeep Kumar

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लेखनी कहानी -09-Mar-2024

तु ख्वाब तु ख्यालात तु बुनियाद है 

तुझसे यह संतलत और साम्राज्य है 
तूं है तो जिंदगी है और जिंदगी में बंदगी है
नहीं तो लगता दुनिया जमाना बकवास है।।

तु हैं तो यह फला फूला संसार है
तु हैं तो लगता उत्तम रंग रूप रचा प्रकृति यार है
नहीं तो यह दुनिया दारी 
बातों का पर्दा और पर्दे का कारोबार है।।

तु हैं तो तेरी रची बशी अलौकिक धर बार है
तु हैं तो तेरी साया से सब को मिलता दुलार है 
नहीं तो यह जग सुना-सुना 
और जगत में न पुछने वाला हाल समाचार है।।

संदीप कुमार अररिया बिहार

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5 Comments

Gunjan Kamal

13-Mar-2024 08:49 PM

बहुत खूब

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Mohammed urooj khan

11-Mar-2024 01:28 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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Varsha_Upadhyay

10-Mar-2024 07:33 PM

Nice

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